दिव्यांगता जागरूकता एवं अभिभावक गोष्ठी

दिव्यांगता जागरूकता एवं अभिभावक गोष्ठी — मानव सेवा समिति द्वारा संचालित श्री महादेव जी रामअधार दिव्यांग शिक्षण प्रशिक्षण केंद्र औढारी सिखड़ी गाजीपुर संस्थान के द्वारा ओम पब्लिक स्कूल सिखड़ी पर बौद्धिक दिव्यांगता( 150 ), गामक दिव्यांगता (30), प्रमस्तिष्क पक्षाघात ( 20), दृष्टि दिव्यांगता (25), दिव्यांग बच्चों को दिव्यांग प्रमाण पत्र एवं राष्ट्रीय न्यास की योजनाएं ” निरामया ” के अंतर्गत स्वास्थ्य बीमा कार्ड (45) प्रबंधक श्री रमेश यादव के द्वारा वितरित किया गया
कार्यक्रम के दौरान श्री रमेश यादव ने सभी अभिभावकों को दिव्यांगता के बारे में जागरूक किया |कहा कि हमारी संस्था वर्ष 2008 से निरंतर दिव्यांग जनों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने एवं उनके अधिकारों की रक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है सरकार के द्वारा दी जाने वाली सुविधा एवं लाभ दिव्यांग जनों को हमारी संस्था पहुंचाने के लिए तत्पर है आप लोग संस्था के साथ कदम से कदम मिलाकर सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखें और उन्होंने कहा कि भविष्य की योजना के द्वारा दिव्यांग बच्चों को हर संभव सहायता किया जाएगा हमारे संस्थान में इन बच्चों को स्पीच थेरेपी, फिजियो थेरेपी एवं ऑक्यूपेशनल थेरेपी इत्यादि की व्यवस्था इन बच्चों के लिए किया जा रहा है जिससे दिव्यांग बच्चे लाभ लेकर सामान्य बच्चों की तरह आत्मनिर्भर बन सकें और समाज के मुख्यधारा से जुड़ सकें जिससे अभिभावक बहुत खुश हुए
संस्थान के प्रवक्ता श्री अजीत कुमार गुप्ता जी ने कहा कि दिव्यांग बच्चे संस्था या स्कूल में 4-6 घंटे शिक्षण प्रशिक्षण लेते हैं और घर पर 18 घंटे रहते हैं माता पिता एवं अभिभावक को उनके प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखने की जरूरत है अतः अभिभावक को शिक्षक एवं चिकित्सक के साथ सहभागिता होना बहुत जरूरी है जिससे दिव्यांग बच्चों के समस्याओं को जानने एवं पाठ्यक्रम बनाने में मदद मिलती है और उसका क्रियान्वयन सुचारू ढंग से किया जा सकता है
कार्यक्रम के संयोजक रवि प्रकाश शुक्ला ने कहा कि दिव्यांग बच्चे भी शिक्षण ,प्रशिक्षण एवं अभिरक्षण के माध्यम से सामान्य बच्चों एवं व्यक्तियों की तरह अपना जीवन यापन कर सकते हैं लेकिन उनके माता-पिता एवं अभिभावक को संस्था एवं संस्था के कार्यकर्ताओं ,शिक्षकों के साथ सहभागिता बहुत ही आवश्यक है
बहु विशेषज्ञ दल एवं D.Ed के प्रशिक्षु के द्वारा दिव्यांग बच्चों का असेसमेंट किया गया और बच्चों के बुद्धि लब्धि, आवश्यकता एवं दिव्यांगता के स्तर के अनुसार अभिभावकों के परामर्श से आगे की योजना बनाने की रणनीति तय किया गया एवं बताया गया |
सद्भावना रसोई के अंतर्गत वहां पर उपस्थित सभी लोगों को भोजन कराया गया
मानव सेवा समिति के द्वारा सद्भावना रसोई के माध्यम से नि:सहाय ,मजदूर एवं गरीब लोगों को भोजन कराया जाता है
रवि प्रकाश शुक्ला

Leave a Reply